4 फीट 11 इंच की मीराबाई चनू दर्द के बाद भी करती थीं ट्रेनिंग, 201 किलो वजन उठाने के लिए ऐसे की ट्रेनिंग
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को पहला गोल्ड मेडल मीराबाई चनू (Mirabai chanu) ने वुमन्स वेटलिफ्टिंग के 49 किलो कैटेगरी में दिलाया. उन्होंने स्नैच में 88 किलो का वजन उठाया और क्लीन एंड जर्क में 113 किलो का बेस्ट प्रयास किया. यानी कि मीराबाई ने कुल 201 किलो का वजन उठाया.
वेटलिफ्टिंग कॉम्पिटिशन में दो तरह से वजन उठाना होता है. पहला क्लीन एंड जर्क (Clean and jerk) और दूसरा स्नैच (Snatch). इन दोनों तरीकों से वजन उठाना काफी मुश्किल होता है. अगर थोड़ी भी टेक्नीकल गलत हो जाए तो काफी गंभीर चोट लग सकती है. ट्रेनिंग के दौरान देश की बेटी मीराबाई के शरीर में दर्द भी रहता था लेकिन उन्होंने प्रैक्टिस करना नहीं छोड़ा. मीराबाई की ट्रेनिंग कैसी होती थी? उन्होंने कैसे मेहनत की? यह जानना भी काफी जरूरी है ताकि लोग उनकी मेहनत, डेडिकेशन से मोटिवेट हो सकें.
शरीर में होता था दर्द फिर भी करती थीं ट्रेनिंग
गांव में ट्रेनिंग सेंटर ना होने पर 50-60 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग के लिए जाने वाली मीराबाई चनू छोटे से गांव से निकलकर इंटरनेशनल लेवल पर पहुंची और देश के लिए कई मेडल जीते. बताया जाता है कि 11 साल की उम्र में अंडर-15 चैंपियन बनने वाली मीराबाई चनू रियो ओलंपिक 2016 में मेडल नहीं जीत पाई थीं तो वे डिप्रेशन में चली गई थीं.
उन्होंने खेल को छोड़ने का मन बना लिया था लेकिन कुछ समय बाद जब उनकी खेल में उनकी वापिसी हुई तो उन्होंने साबित कर दिया कि अगर मन में कोई भी बात ठान ली जाए तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. Olympics.com के मुताबिक, मीराबाई चनू ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था "मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात चोट से बचे रहना है जो हमारे खेल में बहुत जरूरी है. इसलिए मुझे सतर्क रहना होगा."
इसके बाद अप्रैल 2021 मीराबाई ने एक और इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरे लिए एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब मैंने बिना दर्द के ट्रेनिंग की हो. अगर मैंने हैवी ट्रेनिंग की है, जिसमें करीब स्नैच में 75-80 किलो और क्लीन एंड जर्क में 100 किलो वजन उठाया है तो उसके अगले दिन मुझे अपने शरीर को रेस्ट देना होता था क्योंकि मेरी बैक स्टिफ (कठोर) हो जाती थी.
मीराबाई के कोच विजय शर्मा के मुताबिक, मीराबाई का दाहिना कंधा कमजोर था इस कारण बाएं कंधे पर अतिरिक्त दबाव डालने से उनके बाएं कंधे में दर्द रहता था. उनके बैठने की गलत टेक्नीक ने उनके कमर दर्द को और बढ़ा दिया था. कोच विजय शर्मा और पूर्व वेटलिफ्टर फिजियोथेरेपिस्ट आरोन हॉर्शिग ने मीराबाई की उन कमियों को दूर किया और फिर उन्होंने फीट और कंधे में दर्द महसूस किए बिना वजन उठाना शुरू कर दिया.
मीराबाई अपने आपको शारीरिक रूप से मजबूत बनाने में लगी हुई थीं. इसके लिए उन्होंने कई तरह की ट्रेनिंग की और वे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 201 किलो वजन उठा पाईं. उनकी ट्रेनिंग में कई चीजें शामिल थीं, जिनकी वीडियो वे इंस्टाग्राम पर भी शेयर करती थीं.
सर्किट और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Circuit and strength training)
चार फीट आठ इंच की मीराबाई चनू कोच विजय शर्मा के अंडर में रहकर ट्रेनिंग करती थीं. मीराबाई सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह अपनी प्रैक्टिस और ट्रेनिंग की फोटो और वीडियो भी शेयर करती रहती थीं.
मीराबाई की इंस्टाग्राम पोस्ट को देखकर पता चलता है कि वे कितनी हार्ड ट्रेनिंग करती थीं. उनकी स्ट्रेंथ और शारीरिक मजबूती को उनके वर्कआउट वीडियोज में देखा जा सकता है. अपनी इसी प्रैक्टिस के कारण मीराबाई गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुईं.
बैलेंसिंग एक्सरसाइज (Balancing exercise)
वेटलिफ्टिंग में शरीर के साथ इतने भारी वजन को बैलेंस करना काफी मुश्किल होता है. यह बैलेंस समय के साथ प्रैक्टिस करने से ही आता है. मीराबाई चनू ने गोल्ड मेडल जीतकर बता दिया है कि उन्होंने शरीर और वजन का काफी अच्छे से बैलेंस बनाना सीख लिया है. मीराबाई शरीर और वेट का बैलेंस बनाने के लिए बैलेंसिंग एक्सरसाइज करती थीं. उन्होंने बैलेंसिंग एक्सरसाइज के कई वीडियोज भी शेयर किए हैं.
हैवी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (Heavy strength training)
शरीर की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए मीराबाई चनू काफी हैवी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करती थीं. लेकिन वे उतना ही वजन उठाती थीं जितनी उनमें स्ट्रेंथ थी और उनके कोच विजय शर्मा बताते थे. हैवी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से उन्हें स्ट्रेंथ बढ़ाने में मदद मिली जिससे वे काफी अच्छी परफॉर्म कर पाईं.
कोर एक्सरसाइज (Core exercises)
मजबूत कोर (पेट) रीढ़ को स्थिर रखकर शरीर को बाहरी फोर्स से बचाता है और पीठ, कूल्हे, घुटने और गर्दन के दर्द से भी बचाता है. भारी वजन उठाते समय कोर का मजबूत होना काफी जरूरी होता है इससे वजन उठाने में मदद मिलती है. मीराबाई ने भी अपनी कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए काफी ट्रेनिंग की है. प्लैंक, एब्स एक्सरसाइज, एब रोलर आदि एक्सरसाइज से उन्होंने अपने कोर को मजबूत बनाया और इतना भारी वजन उठाने में मदद मिली.
फिजिकल थैरेपी (Physical therapy)
ट्रेनिंग के साथ शरीर की कठोरता को दूर करने, मसल्स को लूज करने के लिए फिजिकल थैरेपी भी काफी जरूरी होती है. मीराबाई चनू हर हैवी ट्रेनिंग के बाद फिजिकल थैरेपी सेशन लेती थीं. अपने फिजिकल थैरेपी सेशन की वीडियो मीराबाई ने इंस्टाग्राम पर शेयर भी किया है.