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Solar Power Plant: 25 मेगावाट तक के सोलर पावर प्लांट लगाने पर मिलेगी बड़ी छूट, सौर ऊर्जा नीति 2022 का ड्राफ्ट जारी

उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 2000 मेगावाट तक की क्षमता है। पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है कि यूपीसीएल सौर ऊर्जा का एक ग्रीन टैरिफ प्रस्ताव तैयार करेगा, जो कि नियामक आयोग को भेजा जाएगा।

 
solar power plant

प्रदेश में 25 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा प्लांट लगाने वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है। ऊर्जा विभाग इसके लिए उत्तराखंड स्टेट सोलर पॉलिसी 2022 लागू करने जा रहा है। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसका ड्राफ्ट जारी करते हुए इस पर सुझाव मांगे हैं।

2000 मेगावाट की है क्षमता : सरकार ने माना है कि प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 2000 मेगावाट तक की क्षमता है। इसमें बड़े प्रोजेक्ट के लिए 600 मेगावाट, आवासीय प्रोजेक्ट के लिए 250 मेगावाट, कॉमर्शियल व इंडस्ट्री प्रोजेक्ट के लिए 750 मेगावाट, इंस्टीट्यूशंस के लिए 350 मेगावाट और एग्रीकल्चर के लिए 50 मेगावाट की क्षमता आंकी गई है। 

सौर ऊर्जा इस्तेमाल करने वालों के लिए ग्रीन टैरिफ : पॉलिसी में यह प्रावधान किया गया है कि यूपीसीएल सौर ऊर्जा का एक ग्रीन टैरिफ प्रस्ताव तैयार करेगा, जो कि नियामक आयोग को भेजा जाएगा। नियामक आयोग उपभोक्ताओं के लिए ग्रीन टैरिफ चुनने का विकल्प दे सकता है। वहीं, पीक आवर्स में ग्रिड में सौर ऊर्जा देने वालों को फीड इन टैरिफ से प्रोत्साहित कर सकता है। आसान पहुंच व निगरानी के लिए वर्चुअल नेट मीटरिंग (वीएनएम) और ग्रुप नेट मीटरिंग (जीएनएम) का इस्तेमाल किया जा सकता है।

उरेडा को बनाना होगा लैंड बैंक : नई पॉलिसी में उरेडा की जिम्मेदारियां भी बढ़ाई गई हैं। इसके तहत उरेडा को एक सोलर पॉलिसी सेल की स्थापना करनी होगी, जिसके तहत सिंगल विंडो के माध्यम से सोलर प्रोजेक्ट को पास किया जाएगा। इसके आवेदन के लिए 10 हजार रुपये प्रति मेगावाट के हिसाब से शुल्क देय होगा। उरेडा को लैंडबैंक भी बनाना होगा। सभी सरकारी जमीनें और भवनों की सूची बनानी होगी, जहां सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लग सकते हैं। इसी प्रकार, ऐसी निजी भूमि भी चिन्ह्ति करनी होंगी, जिन पर कोई प्राइवेट व्यक्ति लीज पर अपना प्रोजेक्ट लगा सके।

इस तरह मिलेगी राहत 
जमीन की लीज डीड या जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट रहेगी। निजी कृषि भूमि पर सोलर प्लांट लगाने पर लैंड यूज बदलने की फीस पर 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। रजिस्ट्रेशन या लीज के कागजों में कोर्ट फीस पूरी तरह से माफ होगी। सौर ऊर्जा वाले ईवी चार्जिंग स्टेशन सरकारी भूमि पर लगाने वाले व्यक्तियों को लीज मूल्य में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। 

स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार

नई पॉलिसी में स्थानीय युवाओं के रोजगार की भी गारंटी दी गई है। इसमें कहा गया है कि जो भी सरकारी भूमि को लीज पर लेकर अपना सोलर प्रोजेक्ट लगाएगा, उसे 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा। उरेडा अपने टेंडर में इस शर्त को जारी करेगा।

शासन स्तर पर तीन समितियां

25 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा प्लांट के आवंटन को सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में स्टेट लेवल स्क्रीनिंग एंड इंपावर्ड कमेटी (एसएलएससी) बनेगी। प्रोजेट के एप्रूवल से अलग आने वाली दुश्वारियों को दूर करने, पॉलिसी में किसी तरह का संशोधन करने के लिए स्टेट लेवल एनर्जी कमेटी (एसएलईसी) का गठन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगा। इसमें सचिव ऊर्जा सहित आठ सदस्य होंगे। भूमि संबंधी मामलों पर निर्णय लेने के लिए उत्तराखंड सोलर पावर लैंड अलॉटमेंट कमेटी (यूएसपीएलएसी) का गठन भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगा। इसमें सचिव ऊर्जा सहित चार सदस्य होंगे।

ऐसे दें अपने सुुझाव

सबसे पहले उत्तराखंड शासन की वेबसाइट www.uk.gov.in पर जाएं। यहां होम पेज पर एक्ट के विकल्प पर क्लिक करें। यहां Draft on Uttarakhand State Solar Policy Government of Uttarakhand 2022 को डाउनलोड कर लें। इसे पढ़कर अपने सुझाव 18 नवंबर से 30 दिन के भीतर cpo.uredahq@gmail.com Øæ spv.uredahq@gmail.com पर भेज दें। आप अपने सुझाव निदेशक, उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण उरेडा, इंडस्ट्रियल एरिया, पटेलनगर, देहरादून के पते पर भी भेज सकते हैं।