किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले, सरकार ने किया पैक्स गठन के नियम में बदलाव, जानें क्या है पैक्स गठन के नए नियम
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किसानों को कृषि आदन जैसे- खाद, बीज, कीटनाशक सहित मशीनरी आदि खरीदने के लिए रुपयों की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्हें कर्ज लेना पड़ता है। यदि वे स्थानीय साहूकार से कर्ज लेते हैं तो उन्हें अधिक ब्याज चुकाना पड़ता है।इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से किसानों को सहकारी समतियों के माध्यम से सस्ता बैंक ऋण प्रदान किया जाता है। सरकार की ओर से किसानों को हर रबी और खरीफ सीजन में सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। हाल ही में राजस्थान सरकार ने किसानों की ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया को ओर सरल कर दिया है। इससे अब अधिक किसानों को खरीफ सीजन में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। इसी के साथ उन्हें सस्ती दर पर खाद, बीज उपलब्ध हो सकेगा।
पैक्स के गठन को लेकर राज्य सरकार, क्या किया है बदलाव
राज्य सरकार ने पैक्स गठन में अब किसानों की संख्या को कम कर दिया है यानि अब पैक्स के गठन के लिए 500 की जगह 300 किसान शामिल हो सकेंगे।इससे यह फायदा होगा कि अधिक पैक्स का गठन होगा जिससे अधिक किसानों को ऋण मिल सकेगा। वहीं पैक बनाने के लिए शेयर राशि 5 लाख रुपए थी। उसे भी अब घटकर 3 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे अब अधिक पैक्स बनाए जा सकेंगे।
पैक्स गठन के नियम में बदलाव का क्या है कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पैक्स गठन के नियम में किए गए बदलाव को लेकर राजस्थान सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने इस बदलाव के पीछे का कारण बताया है।उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक किसान ग्राम सेवा सहकारी समितियों से जुड़ें ताकि उन्हें आसानी से ब्याज मुक्त फसल ऋण मिल सके। इसी के साथ ही उसके घर के पास खाद, बीज, कीटनाशक समेत अन्य सुविधाओं का भी लाभ मिलें और उसकी खेती का तरीका आसान हो।
किसानों को कितना ऋण बांटने का है लक्ष्य
राजस्थान सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में किसानों को 18 हजार 500 करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त फसल ऋण वितरित करने का लक्ष्य था। नए पैक्स के गठन से नए किसानों को भी ब्याज मुक्त फसल ऋण का लाभ मिल सकता है।इसके लिए बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में इसे बढ़ाकर 20 हजार करोड़ कर दिया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि ब्याज मुक्त फसल ऋण से वंचित किसान भी इसके दायरे में आ सकें। इस साल अब तक 154 नए पैक बनाए गए हैं।
राज्य में एक हजार से अधिक नई ग्राम सहकारी समितियों का हुआ गठन
रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन तेजी से किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक एक हजार नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जा चुका है।इसे मिलकर अब राज्य में कुल सहकारी समितियों की संख्या 7300 हो गई है। जिला उप रजिस्ट्रारों की बैठक में अग्रवाल ने बताया कि नई ग्राम से समिति के गठन से तीन लाख से अधिक नए सदस्यों को इन सहकारी समितियों से जोड़ा जा चुका है।
अब तक किसानों को कितना ऋण किया वितरित
राजस्थान सरकार के मुताबिक वर्ष 2021-22 में 28.53 लाख किसानों को 18,072 करोड रुपए का फसली ऋण दिया गया है। यह प्रदेश के इतिहास में 1 वर्ष में सर्वाधिक फसली ऋण वितरण का रिकॉर्ड है।इस वर्ष किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए का फसली ऋण का वितरण किया जा रहा है और 5 लाख नए किसानों को भी इससे जोड़ा जा रहा है।
अधिकारियों को दिए ये निर्देश
सहकारिता रजिस्ट्रार अग्रवाल ने जिलावार नए पैक्स के गठन को पूरा करने के लक्ष्य के बारे में उप रजिस्ट्रारों से चर्चा की एवं जून माह तक के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए है।उन्होंने अतिरिक्त खंडीय रजिस्ट्रारों को भी निर्देश दिए कि संभाग के जिलों की लक्ष्यवार समीक्षा करें एवं जिलों का दौरा कर नए पैक्स के गठन की प्रक्रिया में आ रही समस्याओं को दूर करें। उन्होंने नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन के निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के संबंध में वीसी के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पैक्स विहीन ग्राम पंचायत पर नई पैक्स का गठन जरूर करें।