पति की प्रॉपर्टी पर इतना होता है पत्नी का अधिकार, जानें ससुराल की संपत्ति पर कितना हक?
पति-पत्नी का रिश्ता संपत्ति या किसी और चीज से ऊपर होता है। जब एक लड़की की शादी होती है तो उसके पति का घर उसका अपना घर होता है। आज हम आपको पत्नी के कुछ ऐसे अधिकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पत्नी को पति के घर में मिलते हैं। आज हम आपको यह भी बता रहे हैं कि पति की संपत्ति पर पत्नी का कितना अधिकार है।
यह जरूरी नहीं है कि आपके पति की पूरी संपत्ति पर आपका अधिकार हो। एक महिला का अपने ससुराल की संपत्ति पर उतना ही अधिकार होता है जितना ससुराल वाले उसे देना चाहते हैं। पति की संपत्ति में महिला का अधिकार होता है। यदि पति अपनी संपत्ति में किसी के नाम पर वसीयत नहीं करता है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो वह श्रेणी 1 का कानूनी उत्तराधिकारी है, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 या भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार पति की संपत्ति उसके कब्जे में होगी।
भारत में कानून के अधिकार के तहत ही पत्नी का पति की संपत्ति पर अधिकार है। अगर पति और पत्नी शादी के बाद अलग होने का फैसला करते हैं, तो महिलाएं हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत पति से भत्ता मांग सकती हैं। पत्नी घरेलू हिंसा अधिनियम और 125 सीआरपीसी के तहत महिलाएं अपने पति से आजीवन भरण-पोषण की मांग कर सकती हैं।
उदाहरण के लिए यदि क की मृत्यु हो जाती है और उसके पास कोई वसीयत नहीं बची है और उसकी एक पत्नी, पुत्र और पुत्री है। इस मामले में सभी वर्ग 1 कानूनी उत्तराधिकारी हैं इसलिए पति की संपत्ति उसके सभी वर्ग 1 कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच समान रूप से विभाजित की जाएगी।