Anshika Verma: सेल्फ स्टडी के दम पर अंशिका वर्मा ने क्रैक की UPSC परीक्षा, ये रैंक हासिल कर बनीं IPS अफसर
Haryana Kranti News, नई दिल्ली: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC Civil Services Examination) भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश पाने का सबसे मुश्किल रास्ता है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत सारे छात्रों को कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो बिना कोचिंग के अपनी मेहनत और समर्पण से इस परीक्षा को क्रैक करते हैं। एक ऐसी उदाहरण है अंशिका वर्मा, जोने बिना कोचिंग के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की।
अंशिका वर्मा जो यूपी के प्रयागराज की निवासी हैं, का सफर अद्भुत है। उनके पिताजी सरकारी नौकरी में थे और वे एक सामान्य नागरिक के रूप में अपने दिनचर्या को निभा रही थीं। माता जी एक होममेकर थीं और परिवार की देखभाल करती रहीं। अंशिका ने शुरुआती एजुकेशन नोएडा से प्राप्त की और इसके बाद उन्होंने नोएडा के ही एक कॉलेज से बीटेक की डिग्री हासिल की।
इंजीनियर से IPS अफसर बनने का रास्ता
अंशिका ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, जो एक बड़ी उपलब्धि थी। हालांकि, उनका दिल सिविल सेवा में था और उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उनके पास कोचिंग संस्थानों का समर्थन नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ यह कठिनाईयों का सामना किया।
खुद से तैयारी का मैदान
अंशिका ने सोचा कि वह बिना कोचिंग के भी इस परीक्षा को कर सकती हैं। उन्होंने एक ठोस स्टडी प्लान बनाया और उसे अनुसरण करने के लिए प्रतिबद्ध हो गईं। उन्होंने न्यूनतम साधारिता के साथ भी नियमितता बनाए रखी और समय सारथी बनाया।
मेहनत और समर्पण का फल
अंशिका की मेहनत और समर्पण ने उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता दिलाई। उन्होंने अपनी तैयारी में हार नहीं मानी और निरंतर पढ़ाई करती रही। उन्होंने अपनी कमियों पर काम करने का निर्णय लिया और खुद को सुधारने का प्रयास किया। इसका परिणाम था कि उन्होंने दूसरे प्रयास में 136वां रैंक हासिल की और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली।
IPS अफसर बनने की खुशी
अंशिका वर्मा ने अपने मेहनत और संघर्ष के बावजूद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की, और उन्हें IPS अफसर के रूप में नियुक्ति प्राप्त हुई। इस से उन्होंने ना केवल अपने परिवार को गर्वित किया, बल्कि देश को भी एक सशक्त और सकारात्मक नागरिक के रूप में योगदान करने का एक बड़ा मौका दिया।