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Chanakya Niti: शादीशुदा मर्दों को पराई स्त्री ही क्यों आती है पसंद, चाणक्य नीति में दिया गया है इसका जवाब

 
Chanakya Niti

Haryana Kranti News, नई दिल्ली: शादी, जीवन का एक अद्वितीय अनुभव है, जिसमें धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के सिद्धांतों का समावेश होता है, जैसा कि चाणक्य नीति में उक्त है। चाणक्य ने इस ग्रंथ में पति-पत्नी के रिश्ते पर भी महत्वपूर्ण सिद्धांतों की चर्चा की है, जो एक स्वस्थ और सुखमय जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

छोटी उम्र में शादी:

चाणक्य नीति के अनुसार, छोटी उम्र में शादी होना पति-पत्नी के रिश्तों के लिए अधिकारी नहीं है। इस उम्र में व्यक्ति करियर के प्रति अपनी संजीदगी को समर्पित करना चाहिए, जिससे समझदारी बढ़ती है और उच्चतम स्तर पर शिक्षा प्राप्त होती है।

शारीरिक संतुष्टि का महत्व:

शारीरिक संतुष्टि पति-पत्नी के रिश्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें कमी होने पर आकर्षण में कमी हो सकती है, जिससे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का खतरा बढ़ सकता है।

भरोसा:

चाणक्य नीति की दृष्टि से, पति-पत्नी के संबंध में भरोसा होना अत्यंत आवश्यक है। यदि भरोसा है, तो दोनों ही एक दूसरे के प्रति ईमानदार रहेंगे और जीवन सांगी से भरा रहेगा।

परिवर्तन और समर्थन:

शादीशुदा जीवन में, व्यक्ति कभी-कभी परिवर्तन का सामना कर सकता है। इस समय में, साथी का समर्थन और समझदारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि वे एक दूसरे के साथ इस समय को पार कर सकें।

बच्चों के जन्म का पर्याय:

चाणक्य नीति के अनुसार, बच्चों के जन्म के बाद, पति-पत्नी को एक दूसरे के प्रति समर्पित रहना चाहिए। इस समय में उन्हें भी एक दूसरे का साथ और समर्पण दिखाना चाहिए, ताकि प्यार हमेशा बना रहे।