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Relationship इस मेले में लड़कियां चुनती है लिव इन पार्टनर, बच्चे पैदा होने पर करती है शादी

 
Relationship इस मेले में लड़कियां चुनती है लिव इन पार्टनर, बच्चे पैदा होने पर करती है शादी

डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, Rajasthan Culture | Live in Relationship | Garasia Tribal : लिव-इन रिलेशनशिप आज भी देश में एक टैबू है. हमारे आस-पास या समाज में बिना शादी के रहने वाले जोड़े को अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता.

यहां तक कि ऐसे जोड़ों को कोई घर भी किराए से देने में संकोच करता है. हालांकि मेट्रो सिटीज में इसका चलन तेजी से बढ़ा है. लेकिन टीयर II या टीयर III सिटीज (छोटे शहरों) में आज भी लिव-इन रिलेशनशिप स्वीकार्य नहीं है.

इसी बीच राजस्थान की एक जनजाति ऐसी भी है जिसमें यह परंपरा हजार साल से भी पहले की है. मूलतः राजस्थान के दक्षिणी इलाके में रहने वाली 'गरासिया' जनजाति में लिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा सालों से चली आ रही है.

लिहाजा यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि यह जनजाति जमाने से आगे चल रही है. इससे भी खास बात यह है कि यहां लड़कियां खुद अपना पार्टनर चुनती है और उसी के साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप रखती है. आलम यह है कि इस जनजाति में बिना शादी के ही बच्चे भी पैदा कर लिए जाते हैं और कई बार तो सालों-साल के बाद शादी होती है.

बिना शादी के ही बच्चे पैदा करने की परंपरा

गरासिया जनजाति में कुछ परिवार ऐसे भी है जिनमें कई पीढ़ियों से शादी नहीं हुई है. यह अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनते हैं और पति-पत्नी के रूप में जीवन यापन करते हैं. गरासिया जनजाति राजस्थान के साथ-साथ गुजरात के कुछ इलाकों में भी रहती हैं.

राजस्थान के पाली, उदयपुर और सिरोही जिले के गांवों में बसे हैं. इस समुदाय के लोग मूल रूप से सिरोही की कोटरा, आबू रोड तहसील, पाली जिले की बाली और देसूरी तहसील, उदयपुर की गोगुंडा और खेरवाड़ा तहसीलों में सदियों से रहते आए हैं.

ऐसे चुनते हैं अपना लिव-इन पार्टनर

गरासिया जनजाति का हर साल ''गौर मेला'' लगता है. यह एक बेहद ही महत्वपूर्ण त्योहार है. जहां इस जनजाति की लड़कियां अपने पार्टनर को चुनती है. जिसके बाद लड़के के परिवार को लड़की के परिवार को एक राशि का भुगतान करना होता है. गरासिया समुदाय में महिलाएं का स्थान पुरुषों के मुकाबले ज्यादा ऊंचा माना जाता हैं.

इस परंपरा के पीछे है ये कहानी

एक प्रचलित कहानी है कि कई शतकों पहले गरासिया समाज के चार भाई दूसरी जगह जाकर बस गए थे. जिसमें से चार में से तीन भाइयों ने शादी कर ली. जबकि एक भाई बिना शादी के ही लिव इन में रहने लगा.

लेकिन शादी के बाद तीन भाइयों की कोई संतान नहीं हुई. जबकि चौथे भाई की संतान ने ही अपने परिवं का वंश आगे बढ़ाया जिसके बाद गरासिया समाज ने बिना शादी यानि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की परंपरा चल पड़ी