Movie prime

Types Of Therapy: कहीं शरीर पर डाल देते हैं कीड़े; कहीं नमक से इलाज, ऐसे भी होती है बॉडी थेरेपी

 
Types Of Therapy: कहीं शरीर पर डाल देते हैं कीड़े; कहीं नमक से इलाज, ऐसे भी होती है बॉडी थेरेपी

Unusual Therapies in the World: आजकल लोग दवाओं के साइड इफेक्ट को लेकर ज्यादा ही जागरूक हो गए हैं और इसकी जगह अल्टरनेटिव तरीकों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं. इसी अल्टरनेटिव ऑप्शन में थेरेपी भी इलाज का बेहद कारगर और बेहतरीन तरीका है. दवाओं के जैसे इसका बॉडी पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं पड़ता है. आज हम आपको कुछ ऐसी थेरेपी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आप सुनकर कहेगें, 'ऐसा भी होता है क्या?'

जोंक थेरेपी से खून को किया जाता है शुद्ध

ब्लड में मौजूद अशुद्धियां कई तरह के बीमारियों को पैदा करती हैं. इन बीमारियों से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि ब्लड प्यूरिफिकेशन किया जाए. लीच थेरेपी एक फेमस थेरेपी है जो ब्लड प्यूरिफिकेशन के लिए कई देशों में इस्तेमाल की जाती है. इस प्रोसेस में थेरेपी करने वाले शख्स के शरीर के ऊपर कई सारी जोंक छोड़ दी जाती हैं और जोंक उस शख्स के शरीर से धीरे-धीरे खून चुसने लगती हैं. यह थेरेपी मधुमेह से लेकर कैंसर और हृदय रोग के लिए अच्छी मानी जाती है.

नमक से ऐसे होता है इलाज

कई लोगों को सांस से जुड़ी दिक्कतें होती हैं. इसके लिए लोग इनहेलर का भी इस्तेमाल करते हैं लेकिन आपको बता दें कि सांस से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए यूरोप में लोग सॉल्ट थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं. इस थेरेपी के दौरान लोग नमक की हवा में सांस लेते हैं. इसके लिए बीमार शख्स को एक रेग्युलेटेड सॉल्ट रूम बैठाया जाता है.

आग से भी होती है थेरेपी

बॉडी पेन में लोग फायर थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं. चीन में फायर थेरेपी का काफी क्रेज है. फायर थेरेपी के लिए माना जाता है कि ये डिप्रेशन से लेकर कैंसर से जुड़ी दिक्कतों में भी लाभ देती है. इस थेरेपी में मरीज के शरीर पर पहले एक हर्बल लेप लगाया जाता है. इसके बाद उसके शरीर को एक तौलिए से ढक कर उस पर पानी और अल्कोहल का छिड़काव किया जाता है और फिर तौलिए पर आग लगा दी जाती है. ये सारी थेरेपी आप घर पर कभी ट्राई न करें क्योंकि ये वहां मौजूद एक्सपर्ट की देख-रेख में किया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. haryanakranti.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)